पाथरी के प्रकल्प पीडि़तों को नहीं मिला मुआवजा

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गोरेगांव- तहसील के पाथरी ग्रामवासियों ने आंदोलन कर कटंगी जलाशय के सड़क कार्य का निर्माण रोक दिया है। यह आंदोलन २९ मई को प्रकल्प पीडि़तों ने खेत में ही किया है। जेसीबी के सामने खड़े होकर काम को रोका गया। आरोप है कि प्रकल्पग्रस्तों को भूभाड़ा व पुनर्वसन अनुदान देने के पूर्व ही किसानो के खेतों से सड़क का निर्माणकार्य शुरु किया गया है। जो अनुचित है। विशेष यह है कि यह ग्राम सांसद प्रफुल पटेल ने दत्तक लिया है।
कटंगी जलाशय का निर्माण करने के लिए पाथरी, पिंडकेपार, कटंगी के सैकड़ों की किसानों की जमीन भूसंपादित की गई। सरकार ने 40 हजार रुपए से लेकर ७० हजार रुपए तक ही प्रति हेक्टेयर जमीन का मुआवजा देकर उन्हें फसाया है। गत तीन वर्षों से पाथरी के सैकड़ों किसानों को जमीन का भूभाड़ा व पुनर्वसन अनुदान नहीं दिया और उन किसानों के खेतों से जेसीबी मशीन के सहायता से सड़क निर्माण के लिए खोदकार्य शुरु कर दिया। जिससे पाथरी के प्रकल्पग्रस्त बौखला गए और उन्होंने मांग की है कि जब तक पुनर्वसन व जमीन का भूभाड़ा नहीं दिया जाएगा। तब तक सड़क निर्माण का कार्य शुरु नहीं किया जाएगा। इस मांग को लेकर 29 मई को सैकड़ों किसान खेतों में जाकर जेसीबी मशीन के आड़े हो गए और सड़क निर्माण के कार्य को रोक दिया। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि गांव में ही आकर भूभाड़ा व पुनर्वसन अनुदान का धनादेश प्रशासन ने दें। यदि नहीं दिया गया तो निर्माणकार्य को शुरु नहीं किया जाएगा। आंदोलनकारियों में चुन्नीलाल गौतम, गोंविदा रहांगडाले, श्रीराम खांडवाये, देवचंद चन्ने, उदीलाल पटले, डोमेंद्र पटले, राजेश हर्षे, संतोष हर्षे, अशोक हर्षे, कुसन गुरकूडे, महेंद्र हरिणखेडे, मुन्ना भोयर, डोमेश्वर बिसेन, फेकनबाई खांडवाये, धुरपता राऊत, सतीश भोयर, फूलिचंद घरत आदि सैकड़ों प्रकल्पग्रस्त किसान शामिल थे।