डांगोर्ली नदीघाटपर श्रमदान से बना बांध

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गोंदिया, 5 फरवरीः- गोंदिया तहसिल अंतर्गत आनेवाले ग्राम डांगोर्ली बच्चे,युवा, बुर्जग, भाई-बहनोंने श्रमदान कर वैनगंगा नदी पर सिमेंट की बोरीओ मे रेतभरकर बांध बनाकर एक नई मिशाल कायम की है। यह बांध जहॉं से गोंदिया शहर को पानी की सप्लाई होती है उसके पास बनाने के कारण ईस साल गोंदिया शहर वासियोको धुपकाले मे पिने के पानी की किल्लत से थोडी राहत मिलने वाली है। यह बांध करीब ४० मिटर लंबा २ मिटर गहराई का है। इसके कारण बिरसोला संगम तक बॅकवाटर आ चुका है। यह काम गांव के लोगो ने आपस मे चर्चा करके करनेका निश्चय किया। उसके लिए करीब १००० सिमेंट की खाली बोरी जमा करके काम का शुभारंभ किया गया। लेकीन बांध की लंबाई बढी और चौडाई करने के लिए अधिक खाली बोरी की आवश्याकता थी।

उसके ‍लिए गोंदिया के कुछ ठेकेदारो से मदद मांगी गयी लेकीन उन्होने  खाली सिमेंट की बोरी खत्म हो चुकी है इसलिये मदद करने मे असमर्थता व्यक्त की। वैसेही  यहा के घाट से रेती ले जानेवाले रेती ठेकेदारोने भी खाली बोरीया उपल्बध नही करायी । वैसेही अभियंताओ को विनंती की मगर उन्होने भी डांर्गोली की जनता को खाली हाथ लौटाया। निराश होकर लौटने के बजाय उन्होने और प्रयास जारी रखते हुये उपविभागीय अधिकारी अनंत वालस्कर की मदद से नगराध्यक्ष अशोक इंगळे इनसे मुलाकात की,तो उन्होने करीब २००० बोरी का इंतजाम कर दिया। और बाकी की बोरी वहॉ की जनता ने ईधर-उधर से जमा करके यह बांध १ फरवरी पुरा किया। यह काम केवल डांगोली के जवान भाई और बहनोनेही नही तो ६० साल के उपर के माता और बुर्जगोने भी श्रमदान करके किया। ईस काम के लिए ना कोई इंजीनिअर, ना ठेकेदार,ना शासन की सहायता सिर्फ ग्रामवासियोंकी जिद्द महत्वपुर्ण रही। इस बांध का लाभ जमीन स्‍तर मे पानी की लेवल को बढाने के लिये होने वाला है।हर महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण विभाग लाखो रुपया खर्च एक बांध धुपकाले मे बनाते है लेकीन वह भी छोटासा होता है।लेकीन उससे कई गुना लंबा चौडा बांध इसबार ग्रामवासियोने श्रमदानसेही बना डाला है।यह प्रेरणादायी काम के लिये गोंदिया के उपविभागीय अधिकारी अनंत वालस्कर ने ग्रामवासियोंकी तारीफ करते हुये उनका आदर्श लेने लायक काम सभी ने करना चाहिये एैसा विश्वास जताया है।