जैविक खेती में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य-कृषिविकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन

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गोंदिया/बालाघाट, 07 मार्च (खेमेंद्र कटरे) ।जिला मुख्यालय बालाघाट में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जैविक कृषि मेले का आयोजन आज 07  मार्च से 09 मार्च तक किया जा रहा है। आयोजित इस मेले में आर्गेनिक एग्री एक्सपो-2018 के अंतर्गत कृषकों को जैविक खेती की नवीनतम तकनीक, जैविक उत्पाद, उन्नत कृषि उपकरण, आदि का जीवंत प्रदर्शन किये जानेकी जानकारी कृषि मेला के आयोजक एंव मध्यप्रदेश सरकार के किसान कल्याण एंव कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन इन्होने बेरार टाईम्स को दिये मुलाखत मे बताया।इस जैविक अध्यात्मिक कृषी मेले मे सम्मिलीत होने के लिये पहुंचे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर इनके स्वागत हेतू श्री बिसेन गोंदिया के बिरसी विमानतल पहुंचे थे वहा बेरार टाईम्स के संपादक खेमेंद्र कटरे से विशेष मुलाखात के दौरान वे बोल रहे थे।कृषि मंत्री बिसेन कहा की,देश के छोटेसे सिक्किम राज्य ने अपने राज्य मे 13 साल से किसी भी फर्टिलायझर कंपनी को आने नही दिया। उसका परिणाम यह हुवा की वहा की जनता स्वस्थ रहने लगी,यह देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जब पहलीबार सिक्किम पहुंचे और उन्होने देखा तो देश का पहला जैविक उत्पादनवाला राज्य की घोषणा की। वही से प्रेरणा मिली साथ ही पिछले पांच सालो से मध्यप्रदेश कृषी के क्षेत्र मे राष्ट्रीयस्तरपर उत्पादन मे पुरस्कार प्राप्त कर रहा है। उसी का आधार लेते हुये हमने जैविक खेती के साथ ग्रामीण मे रहनेवाले किसान,खेतमजुर को आध्यात्म से जोडते हुये जैविक आध्यात्मिक कृषी मेले का आयोजन किया गया है।आर्ट आॅफ लिविंग के प्रणेता आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर अपने आश्रममे जैविक खेती करते देखने के बाद हमने उनसे इस शासकीय सम्मेलंन मे अतिथी होने की बात की,एंव आज वह बालाघाट आ रहे यह हमारा सौभाग्य है।

कृषि मंत्री बिसेन ने बताया की मध्यप्रदेश में हाल के कुछ वर्षों में जैविक खेती के मामले में तेजी से काम हुआ है। कृषि क्षेत्र की संस्था एग्रीकल्चर एण्ड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेव्हलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्तमान में करीब 5 लाख 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है। प्रदेश में 40 प्रतिशत से अधिक जैविक कृषि उत्पाद का उत्पादन हो रहा है, जो देश के कुल जैविक कृषि उत्पाद का करीब 40 प्रतिशत है।प्रदेश में 313 विकासखण्ड के 1800 से अधिक ग्रामों में बड़ी संख्या में जैविक खेती को अपनाया गया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश में वर्ष 2011 में जैविक कृषि नीति लागू की गई। इसके बाद से जैविक खेती में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदेश में व्यावसायिक संगठन एसोचैम ने सर्वे किया था। सर्वे में यह बताया गया था कि प्रदेश मे अगले 5 वर्षों में 600 करोड़ रुपये के जैविक उत्पाद के निर्यात की संभावना है। जैविक खेती में हो रहे नये-नये अनुसंधान की जानकारी देने के लिये मण्डला में जैविक अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में जैविक उत्पादों की बिक्री के लिये भी किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने जैविक उत्पाद की बिक्री के लिये चयनित कृषि उपज मण्डियों में अलग व्यवस्था की है।

मेले का शुभारंभ आज बुधवार, 07 मार्च को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की उपस्थिति में किया जाएगा।  इस मेले में किसानों से सीधा संवाद कायम कर उन्हें जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मेले में आध्यात्मिक गुरू एवं आर्ट आफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर भी बालाघाट आ रहे है। इस तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जैविक एक्सपो-2018 में कृषकों को जैविक खेती की नवीनतम तकनीक, जैविक उत्पाद, उन्नत कृषि उपकरण, आदि का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा। इस आयोजन के दौरान बड़ी संख्या में प्रदेश के सभी जिलों से जैविक खेती करने वाले प्रगतिशील किसान और जैविक उत्पाद क्रय करने वाली कंपनियां भी बालाघाट आएंगी। कृषि उपसंचालक राजेश त्रिपाठी ने बताया कि तीन दिवसीय राज्य स्तरीय जैविक कृषि मेले का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।