शोषण से मुक्ति हेतु महिलाओं का साहसी व सक्षम होना जरूरी-प्रा.बेदरकर

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गोंदिया,दि.13.नारी यदि शोषण की शिकार है तो इसके लिये कुछ हद तक वह स्वयं भी जिम्मेदार है.शिक्षित होने के बाद भी नारी सामाजिक रूढ़ियों में जकड़कर रह गई है.बेटी के जन्म लेने पर पुरूष से कहीं ज्यादा नारी दु:खी होती है जबकि उसे सबसे अधिक प्रसन्नता होनी चाहिये.नारी,कोई मशीन नहीं है उसे भी पुरूष के समान जीने का बराबर का अधिकार है.वर्तमान में महिलाओं का साहसी व सक्षम होना जरूरी है तब ही वह शोषण से मुक्त जीवन जी सकती है,उक्त आशय के उद्गार प्रसिध्द समाज सेविका प्रा. सविता बेदरकर ने व्यक्त किये.
गरिमा महिला संगठन परमात्मा एक नगर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिन निमित्त दि.11 मार्च रविवार को सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें बतौर प्रमुख वक्ता वे बोल रही थीं.उन्होंने कहा आज लड़को को पराठे बनाना व लड़कियों को कराटे सिखाना अतिआवश्यक है ताकि समय पर काम आ सके.कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती दीप्ति तवाड़े ने की.अतिथि के रूप में प्रभाग 13 की पार्षदा श्रीमती गौसिया शेख,पूर्व पार्षदा श्रीमती सीमा भालेराव,सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती भारती पटले उपस्थित थीं.दीप प्रज्जवलन,माँ सरस्वती व सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण पश्चात स्वागतगीत से कार्यक्रम शुभारंभ हुआ.समस्त अतिथि महिलाओं के साथ शिक्षिका सुुप्रिया पारधी ने भी महिलाओं को स्वयं को कमजोर न समझते हुए अन्याय के विरूध्द सजग रहने की बात कही.प्रस्तावना में श्रीमती धनंजयी काकडे़ ने संगठन की गतिविधियों की जानकारी दी.संचालन श्रीमती उषाताई नरूले व श्रीमती रीतिका नायडू ने व आभार प्रदर्शन श्रीमती गीता मेश्राम ने किया.
अतिथियों का स्वागत गरिमा महिला संगठन की पदाधिकारी श्रीमती किरण जायसवाल,रेशमा रहमान,मौसमी भालाधरे,किरण लांजेवार आदि ने किया.सफलतार्थ श्रीमती वृंदा सहारकर,सरिता राहांगडाले,करूणा गुप्ता,साकेरा अजीज,प्रीति केसलकर,वीणा पारधी,प्रीति काले,मंजू नखाते,प्रीति लिचड़े,रेखा गुढीकर,छाया चौधरी,नगराले मॅडम,मंजू श्रीवास्तव,कुंदा खरकाटे,पद्मा काटेकर आदि ने सहयोग किया.नृत्य,लावणी,कविता,नाट्यसंवाद,गीत व भाषण की लाजवाब प्रस्तुति महिलाओं ने दी.अभिनेत्री श्रीदेवी को गीतों के माध्यम से श्रध्दांजलि अर्पित की गई.बड़ी संख्या में क्षेत्र की वरिष्ठ व युवा महिलाएँ उपस्थित थीं.भोजनोपरान्त कार्यक्रम का शानदार समापन हुआ.