बिरसा बिग्रेड के सामने झुका वनविभाग अतिक्रमण की जमीन पर नहीं होगा पौधारोपण

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सालेकसा,दि.13ः- सालेकसा तहसील के मानागढ़ ग्राम पंचायत अंतर्गत पतराटोला में वन अधिकार के तहत ग्राम के ९ आदिवासी समाज के अतिक्रमण धारकों ने जमीन पर अतिक्रमण कर खेती करने का कार्य शुरू किया। लेकिन वनविभाग सालेकसा ने निर्णय लिया था कि १३ करोड़ पौधारोपण कार्यक्रम के तहत अतिक्रमण किए गए जमीन पर पौधों को रोपा जाएगा। जिसकी जानकारी अतिक्रमण धारक एवं बिरसा बिग्रेड को मिलते ही संगठन ने वनविभाग को चेतावनी दी थी कि यदि अतिक्रमित जमीन पर पौधों को रोपा जाएगा तो शासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं कानून की जानकारी देकर विभाग को अवगत कराया गया। आखिर वनविभाग बिरसा बिग्रेड के सामने झुक गया और निर्णय लिया कि अतिक्रमणकारियों के वनजमीन पर पौधारोपण नहीं किया जाएगा।
बता दें कि अनुसूचित जनजाती व पारंपारिक वननिवासी अधिनियमन २००६, २००८ व २०१२ तथा अन्य शासन निर्णय के तहत वन अधिकार अधिनियम के आधार पर ग्राम के ९ आदिवासी अतिक्रमणधारियों ने वनजमीन पर अतिक्रमण कर खेती करने लगे। पट्टे मिलने के लिए वनअधिकार समिति की ओर अपने जमीन के दावों की फाईल प्रस्तुत की। जिसकी सुनवाई चल रही है। लेकिन सालेकसा वनविभाग ने १३ करोड़ पौधारोपण कार्यक्रम के तहत अतिक्रमणकारियों के जमीन पर पौधारोपण करने का निर्णय लिया था। जिसकी जानकारी मिलते ही बिरसा ब्रिगेड के विदर्भ संघटक चेतन उईके के नेतृत्व में विभाग को चेतावनी दी गई थी कि यदि इस जमीन पर पौधारोपण किया जाएगा तो शासन के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जाएगा। वहीं इस जमीन पर पौधारोपण नहीं किया जा सकता इस तरह की कानूनी जानकारी भी वनविभाग को दी गई। आखिर वनविभाग बिरसा ब्रिगेड के सामने झुक गया और पौधारोपण करने का निर्णय पिछे ले लिया है। चर्चा के समय वनविभाग के वनपरिक्षेत्र अधिकारी सदानंद अवगान, बिरसा ब्रिगेड के विदर्भ संघटक चेतन उईके, तहसीलदार प्रशांत सांगडे, आंतर्राष्ट्रीय माझी किसान सेना के झुमक टेकाम, परतेकी, विनोद मडावी, बिरसा ब्रिगेड के प्रा. मधु दिहारी आदि उपस्थित थे।