आजाद लायब्रेरी में  प्रेमचंद जयंती मनायी गई

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गोंदिया,दि.01। ऊर्दु के पसंदीदा उपान्यासकार एवं हिन्दी के मशहुर लेखक प्रेमचंद के जयंती निमित्त 31 जुलाई को आजाद लायब्रेरी गोंदिया में उन्हें याद किया गया व उनके तैलचित्र पर श्रध्दा के फुल अर्पित कर उनकी संघर्षशील जिवनी पर प्रकाश डाला गया।

प्रेमचंद ने अपनी बचपन की उम्र तंगी और गरीबी में काटी। मां का देहांत और पिता द्वारा दूसरी शादी करने के बाद वे असहाय जीवन व्यतीत करते रहे। पढऩे के लिए पैसे न होने पर कपड़े बेचे, गरीबी के चलते किताबे बेची। यहां तक की गांव से कई कीमी दूर नंगे पांव चलकर स्कूली शिक्षा ग्रहण की।वे उपान्यास के शौकीन थे। बचपन से ही ऊर्दु के उपान्यास पढऩे का उन्हें शौक था। आगे जाकर उन्होंने ऊ र्दु में उपान्यास लिखा, साथ ही हिन्दी के उपान्यास के साथ लेख व साहित्य में अपना नाम कमाया। उनका गोदान उपान्यास सबसे चर्चित रहा।लायब्रेरी के संस्थाध्यक्ष अब्दुल जब्बार खान जिलानी व अन्य पदाधिकारियों ने भी प्रेमचंद के जीवन पर प्रकाश डाला व उन्हें विनम्र श्रध्दांजलि अर्पित की।इस अवसर पर लायब्रेरी ग्रंथपाल रिजवाना शेख, अफजल कुरैशी, ओमप्रकाश सोमानी, प्रतिक भालाधरे, कुलदीप चवरे, शैलेश लिल्हारे, प्रणय श्यामकंवर, सुमीत वैद्य, रत्नदीप, सचीद बिंझोडे, मनोज आगरे, ओमप्रकाश मरकाम, प्रफुल मेश्राम, शेखर बंसोड, नेहल रजा मंसूरी, उज्वल गजभिये, प्रशांत, पुजा गौतम, प्रिया सिंघाडे, काजल रामटेके सहित अन्य पाठकगण, गणमान्य नागरिक व संस्था के पदाधिकारी, सदस्य उपस्थित थे।