महिला विरोधी बयान देने वाले वकीलों को नोटिस, लाइसेंस खतरे में

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वृत्तसंस्था
नई दिल्ली. निर्भया पर ब्रिटिश फिल्ममेकर लेसली उडविन द्वारा बनाई गई डॉक्युमेंट्री में महिलाओं को लेकर विवादास्पद बयान देने वाले दोनों वकीलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने वकीलों को नोटिस भेज कर कारण पूछा है। बार काउंसिल के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा, ”काउंसिल ने वकील एमएल शर्मा और एपी सिंह को बीबीसी की डॉक्युमेंट्री में बयान देने के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा है।” कहा जा रहा है कि यदि वकीलों का संतोषजनक जवाब नहीं आया तो उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
वकील ने कहा-मुझे अभी तक नहीं मिला नोटिस
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने नोटिस भेज कर डॉक्युमेंट्री में महिलाओं के खिलाफ बयान देने वाले वकील एमएल शर्मा से जवाब मांगा है। नोटिस के बारे में शर्मा ने कहा, ”मुझे अभी तक नोटिस नहीं मिला है। हालांकि, मुझे मीडिया के जरिए जानकारी मिली है कि काउंसिल ने निर्भया डॉक्युमेंट्री में मेरे बयान के खिलाफ मुझे नोटिस भेजा है। बार काउंसिल की नोटिस में कहा गया है कि मेरा बयान पेशेवर आचार सहिता का उल्लंघन है। लेकिन मैंने कोर्ट का अनादर नहीं किया है।”
40 हजार देकर किया गया था दोषी का इंटरव्यू
आरोप लगा है कि डॉक्युमेंट्री बनाने वाली ब्रिटिश फिल्ममेकर लेसली उडविन की कंपनी ने 40 हजार रुपए देकर गैंगरेप मामले के दोषी मुकेश सिंह का इंटरव्यू लिया था। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, डॉक्युमेंट्री के विवादों में घिर जाने के बाद तिहाड़ जेल में हुई जांच से इस बात का खुलासा हुआ है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने डॉक्युमेंट्री बनाने वाली कंपनी और डायरेक्टर लेसली उडविन और को-प्रोड्यूसर अंजलि भूषण को नोटिस भेज दिया है। लेसली ने साल 2013 में मुकेश का इंटरव्यू लेने की कई कोशिश की थी। हालांकि कंपनी इस बाबत इजाजत लेने में कामयाब नहीं हो पाई थी।