वसुंधरा राजे के बजट में दिखेगी मोदी के विजन की झलक, टैक्स में छूट संभव

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जयपुर. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सोमवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश कर सकती हैं। बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छाप देखने को मिल सकती है। सरकार का फोकस स्किल डवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियलाइजेशन पर होगा। नवंबर में होने जा रहे रिसर्जेंट राजस्थान में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सिरेमिक और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योगों को टैक्स में राहत दी जा सकती है।

स्किल डवलपमेंट का बजट 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा सरकार का जोर सड़क और रिन्युएबल एनर्जी से जुड़ी परियोजनाओं पर भी रहेगा। पंचायत स्तर पर नई भर्तियों की घोषणा हो सकती है। टीचर्स की भर्तियों का ऐलान भी किया जा सकता है।

4 हजार करोड़ से ज्यादा नहीं हुए खर्च
सरकार नए बजट की तैयारियों में जुटी है लेकिन मौजूदा बजट में से सरकार करीब 4 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रकम खर्च नहीं कर पाई। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने संशोधित अनुमानों में अपने प्लान साइज में इतनी ही रकम की कटौती की है। दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के फंड में कटौती है। इसके चलते मेडिकल और ग्रामीण विकास योजनाओं में पैसा खर्च नहीं हो पाया।
>मनरेगा में 1300 करोड़ कटे: इसमें सबसे ज्यादा कटौती मनरेगा में हुई है। मनरेगा में 4500 करोड़ का बजट था। इसमें 90 प्रतिशत केंद्र और 10 प्रतिशत प्रदेश की हिस्सेदारी थी। केंद्र सरकार से इसके लिए 1300 करोड़ रुपए कम मिले हैं। इसके अलावा मेडिकल में करीब 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रकम खर्च नहीं हो पाई। इसमें नेशनल रूरल हेल्थ मिशन, हेल्थ साइंस, नए मेडिकल कॉलेज, सुपर स्पेशियलिटी वार्ड जैसी स्कीमों में काम नहीं हो पाया।
>योजना गत खर्च के लिए प्रदेश का मौजूदा बजट 69,820 करोड़ रुपए का है। इसमें विभागीय खर्च के लिए 571152 करोड़ रुपए और शेष राशि इंटरनल एक्स्ट्रा बजटरी सपोर्ट के लिए आवंटित की गई थी। दिसंबर तक इसमें से सिर्फ 50.36 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पाई थी। इसके बाद वित्त विभाग ने जनवरी से मार्च तक 33 प्रतिशत से ज्यादा राशि खर्च नहीं करने का परिपत्र जारी कर दिया था।