मुस्लिम भी आरक्षण के हक़दार-सरफराज गोडिल

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समुदाय के पिछड़ेपन को अदालत ने भी माना था..
गोंदिया। सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े मुस्लिम समुदाय के साथ महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार भेदभाव पैदा कर रही है। जिस समुदाय को आर्थिक रूप से पिछड़ा मानकर अदालत ने मराठों का आरक्षण समाप्त कर मुस्लिम समुदाय को शिक्षा व सरकारी नोकरी के 5 प्रतिशत आरक्षण पर बरकरार रखा था आज वो आरक्षण भी वर्तमान सरकार की साजिश के कारण समाप्त हो गया और मराठों को सरकार द्वारा 16 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर दिया गया, ये समुदाय के साथ अन्याय हैं। उक्त प्रतिक्रिया मुस्लिम समाज के युवा कार्यकर्ता एवं ख़्वाजा गरीब नवाज़ अल्पसंख्यक बहुउद्देश्यीय संस्था के अध्यक्ष सरफ़राज़ गोडिल ने व्यक्त की है।
गोडिल ने कहा, हम चुप नहीं बैठेंगे। आरक्षण हमारा अधिकार है। भाजपा की फड़नवीस सरकार ने मराठाओ को 16 प्रतिशत आरक्षण दिया हम इसे चुनोती नही देंगे। अब हम भी क़ानूनी प्रक्रिया से सरकार को घेरेंगे और अदालत का रुख करेंगे। उन्होने कहा, मुस्लिम समुदाय की आर्थिक व सामाजिक स्थिति किसी से छुपी नही है। हमारी भी मांग है कि मुस्लिम समुदाय को शिक्षा व सरकारी नोकरी में 16 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाए।
सरफ़राज़ गोडिल ने कहा, राज्य सरकार का रुख मुस्लिम समुदाय के प्रति नकारात्मक है। सरकार ने अपनी भूमिका सभी समुदाय के लिए एक जैसी रखना चाहिए। अगर सरकार किसी को खुश व किसी को नाराज़ करती है तो ये अन्याय है। इसका विपरीत परिणाम चुनाव में भुगतना पड़ सकता हैं।