डॉ मुखर्जी की कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे -देवेन्द्र फडणवीस

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गिरीश कुबेर को दिया गया डॉ मुखर्जी सम्मान
मुंबई दि. २४-महाराष्ट्र के मुख्यमन्त्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी का बलिदान देश की एकता अखण्डता को बनाये रखने के लिए था।आजादी के बाद कश्मीर में लागू परमिट सिस्टम का विरोध करते हुए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी। तब जाकर तत्कालीन सरकार की नींद उडी और कश्मीर में परमिट सिस्टम बन्द हुआ। मंगलवार को दादर के स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक सभागृह में जनसंघ (बीजेपी) के संस्थापक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित बलिदान दिवस समारोह में श्री फडणवीस बोल रहे थे।बीजेपी नेता अमरजीत मिश्र द्वारा आयोजित समारोह में बोलते हुए उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया कि एक ही देश के किसी हिस्से में जाने के लिए परमिट की जरूरत पड़ती थी। श्री फडणवीस ने विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी के समर्थन से बनी सरकार जम्मू कश्मीर की खुशहाली लौटाएगी।समारोह में मुख्यमन्त्री श्री फडणवीस और जम्मू व कश्मीर के उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह के हांथो लोकसत्ता के सम्पादक गिरीश कुबेर को डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी स्मृति सम्मान दिया गया। श्री फडणवीस ने गिरीश कुबेर की पत्रकारिता और उनकी बेबाक लेखनी की प्रशंसा की।
> > > जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री डॉ निर्मल सिंह ने कश्मीर के सन्दर्भ में डॉ मुखर्जी के त्याग और बलिदान का जिक्र करते हुए लोगों को आश्वस्त किया कि भाजपा का एक भी कार्यकर्ता जब तक है वह जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।उन्होंने दोहराया कि बीजेपी पीडीएफ का गठबंधन सैद्धान्तिक और वैचारिक आधार पर नहीं बल्कि गवर्नेंस के आधार पर है।जम्मू कश्मीर के हितों और राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा के प्रति भी हम संकल्पित हैं।डॉ सिंह ने बताया कि अब प्रदेश में छिटपुट आतंकवाद की घटनाओं को छोड़ के लगभग कानून का राज चल रहा है।उन्होंने अमरनाथ यात्रा की अवधि बढ़ाये जाने और सेवाधारियों से जजिया कर(टैक्स) वसूले जाने पर पाबन्दी लगाये जाने की जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री ने प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में हुए इजाफे पर भी ख़ुशी जताई।
> > > सम्मानमूर्ति पत्रकार गिरीश कुबेर ने पत्रकारिता के क्षेत्र में आई गिरावट पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकार की लेखनी पर किसी खास विचारधारा का प्रभाव नही पड़ना चाहिए।तटस्थ लेखन ही समाज में बदलाव ला सकती है। मुम्बई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार ने डॉ मुखर्जी के कुशाग्र बुद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि मात्र 33 साल की उम्र में डॉ मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए थे।उन्होंने डॉ मुखर्जी के नाम का सम्मान गिरीश कुबेर जैसे ज्येष्ठ पत्रकार को दिए जाने पर ख़ुशी जताई।और श्री कुबेर के सम्पादकीय व खाड़ी देशों में पेट्रोल के लिए छिड़े युद्ध के पीछे का राज उद्घाटित करती उनकी पुस्तकों के लिए उन्हें बधाई दी।मुम्बई बीजेपी के महामन्त्री अमरजीत मिश्र के संयोजन में दूसरी बार आयोजित डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी स्मृति सम्मान समारोह में पूर्व मंत्री जयवंती बेन मेहता , विधायक भाई गिरकर,पराग अलवानी अरुण देव सुनील कर्जतकर आदि नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।कवि महेश दुबे ने वीर रस की कविताओं का पाठ भी किया।