मेडिकल शिक्षा में ओबीसी का आरक्षण कायम रखा जाए- राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ

0
41

केंद्रिय मंत्रियोेको सौंपा ज्ञापन

नईदिल्ली,२०- हालही में केंद्रीय शिक्षा बोर्ड द्वारा नीट परीक्षा का राष्ट्रीय स्तरपर आयोजन किया गया था। इस प्रक्रिया मे राष्ट्रीय स्तरपर नाममात्र ६८ सीटे दे कर ओबीसी के छात्रोंपर घोर अन्याय किया गया। सीबीएसईने आरक्षण संबंधमे सभी मानको का उल्लंघन कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी अनादर किया है। इस अन्याय के विरुद्ध राष्ट्रीय ओबीसी महासंघने आवाज बुलंद कर इस अन्याय को शीघ्र दूर करने की अपील सरकार से की है। इसी संदर्भ में कल बुधवार को संघ के प्रतिनिधी मंडल ने केंद्रीय गृहराज्यमंत्री हंसराज अहिर एवम सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले से भेट कर उन्हे ज्ञापन सौपा।
इस प्रतिनिधी मंडल का नेतृत्व महासंघके राष्ट्रीय संयोजक प्रा. बबनराव तायवाडेने किया। ज्ञापन देते समय महासंघ के राष्ट्रीय राजकीय समन्वयक तथा माजी सांसद डॉ. खुशालचंद्र बोपचे, निमंत्रक सचिन राजूरकर, हंसराज जांगिड, खेमेंद्र कटरे, मनोज चव्हाण, गुडरी व्यंकटेश्वर राव, पी.सी. कुलपती, सुरेंद्र आर्य, डॉ. राजेशकुमार, एड. बिजेंद्र धनत, एम.एस. रोहीला आदी मान्यवर उपस्थित थे।
सरकार को दिये गये ज्ञापन के अनुसार, समूचे देश मे मेडिकल शिक्षा के लिए कुल ६३ हजार ८३५ जगह है। यह सभी सीटोंपर उम्मीदवार का चयन हालमे हुए नीट परीक्षा के आधार पर होना है। इस परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर ओबीसी उम्मीदवारोने बेहतर प्रदर्शन किया है। इसके बावजूद ओबीसी छात्रोंं को राष्ट्रीय स्तरपर केवल ६८ सीटे आरक्षित कर उन्हे मेडिकल शिक्षा से वंचित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्तरपर ओबीसी समाज को २७ फीसदी, अनुसूचित जाती को १५ फीसदी एवम अनुसूचित जमातीको ७.५ फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। इस प्रवेश प्रक्रिया अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर १५ प्रतिशत आरक्षण लागू कर ९ हजार ५७५ जगह आरक्षित है। ओबीसी प्रवेशार्थीयो का लिए २ हजार ५२५ सीटोपर अधिकार होने के बावजूद उन्हे २ प्रतिशतसे कम आरक्षण दिया गया। ज्ञात रहे, राष्ट्रीय स्तरपर दिये गए १५ प्रतिशत आरक्षण मे तेलंगाणा, आंध्रप्रदेश एवम जम्मू कश्मिर राज्यों का समावेश नही है। यह आरक्षण संबंधी नियम एवम गाईडलाइन्स का सरासर उल्लंघन है।
मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ०४ अप्रेल २००७ के निर्णयानुसार ओबीसी का आरक्षण २७ प्रतिशत से कम नही किया जा सकता। किंतु, मेडिकल कॉन्सील ने सारे नियमोंको ताकपर रख ओबीसी प्रवेशार्थियोंको मेडिकल शिक्षा प्राप्तीसे वंचित रखने का षडयंत्र रचा है।
इस आपत्तीजनक प्रवेश प्रक्रिया का पुनर्विचार कर ओबीसी को उनके हक का २७ फीसदी आरक्षण अनुसार २ हजार ५२५ सीटे मुहैय्या कराई जाय, अन्यथा महासंघ द्वारा तीव्र आंदोलन की चेतावणी सरकार को दी गई।
मंत्रिमहोदयद्वय अहिर एवम आठवले इन्होने प्रतिनिधी मंडल को चर्चा पश्चात उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।