माइनिंग विभाग की बड़ी कार्यवाही;तीन डंपर सहित पोखलेन मशीन जप्त

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बालाघाट/गोंदिया,दि.16- प्राप्त जानकारिनुसार जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित खैरलांजी अंतर्गत सिवनघाट पर अवैध उत्खनन करते मशीन सहित डंपरों को माइनिंग विभाग ने धरदबोचा है| बताया जाता है ये खनिज माफिया बड़े पैमाने पर मध्यप्रदेश की सीमा में रेत का अवैध कारोबार, नदी में मशीन चलाकर , NGT के नियमो की धज्जियां उड़ाकर कर रहे थे| सूत्रों की माने तो इन काले कारनामो के पीछे सरकार मे बड़ी पहोच और उंचा रसूख रखनेवाले सत्ताधारी पार्टी के बडे नेता के संबधित रिश्तेदार सफेद पोश भ्रष्ट्राचारिओ के हाथ है| जो अपनी कृपा इन माफियाओं पर बनाकर नदियो की छाती छलनी कर रहे है|मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से इस मामले राजनितीक दबाव डाल पोखलेन मशीन छोड मामले को दबाने की चर्चा सामने आ रही है|

प्राप्त जानकारिनुसार महाराष्ट्र के किन्ही में स्वीकृत घाट की दूसरी तरफ मध्यप्रदेश की सीमा पर उक्त अवैध उत्खनन जारी था| जिस पर छापामार कार्यवाही करते हुए माइनिंग विभाग ने बड़ी कार्यवाही की है| लेकिन प्राप्त जानकारी से पता चला है कि जप्त किये गए डम्फर माइनिंग को चकमा देकर भागने में कामियाब हो गए है| विशेष की यह उत्खनन किसी शिवा नामक गृप की और से किया जा रहा था एैसी चर्चा किन्ही परिसर मे है,जो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के एक संबधी का होने की बात कही जा रही है|जो डंपर भागने मे कामयाब हुये, किन्तु माइनिंग ने उन डंफरो के नंबर नोट कर लिए थे| जिनमे MH35AJ0911 – सोहेल खान, MH35K5099 -लखन भलिया,MH40AK1736 – कावड़े इनके होने की बात की गयी है| सो उन पर कार्यवाही की जाएगी या नही पता नही चल पाया, किंतू बताया जाता है माइनिंग पर पोखलेन को छोड़ने भारी राजनितीक दबाव बनाया जा रहा है| सूत्र यहाँ तक बताते है की 2 से 5 लाख तक देकर माफिया अपनी मशीन छुड़ा लेना चाहते है| लेकिन माइनिंग विभाग पर इन लालच का कोई प्रभाव अब तक नही दिखाई पर रहा है| सूत्रों से जानकारिनुसार बालाघाट जिले के रेत कारोबारियो का इस प्रकरण में कोई संलिप्तता हो| ऐसी जानकारी अब तक प्राप्त नही हुई है| लेकिन माइनिंग की इस बड़ी हड़कंप अवश्य मच गया है| हालांकि खनिज के दोहन ओर पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्परिणाम के चलते| NGT के नियमो की धज्जियां उड़ाते इन माफियाओं पर शिकंजा कसता जा रहा है| लेकिन कार्यवाही पर भारी राजनैतिक दबाव और रसूख का इस्तेमाल कर ये माफिया अपने आप को बचाने में कामियाब हो जाते है| जो खनिज सहित अधिकारियो ओर पर्यावरण का भी दोहन है|