मध्यप्रदेश में ओबीसी महाकुंभ की शिव-राजनीति

0
29

भोपाल,दि.03(न्युज लाईव 24)-  मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की भाजपा सरकार अब ओबीसी को रिझाने के लिए एक बड़ा ओबीसी महाकुंभ करने जा रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब मुख्यमंत्री ओबीसी समुदाय के लिए कुछ बड़ा करने जा रहे हैं।शिवराज हालांकि खुद ओबीसी में आने वाली जाति किरार से हैं, लेकिन वो ओबीसी की राजनीति करने से बचते रहे हैं। उन्हें शायद डर भी रहा है कि कहीं उनका हश्र उमा भारती की तरह न हो जाए जो भाजपा में रहते हुए भी मुख्यमंत्री के रूप में ओबीसी के हितों की बात करने लगी थीं। हालांकि अब इस बार के विधानसभा चुनावों में शिवराज अंदर और बाहर दोनों तरफ से कड़ी चुनौती महसूस कर रहे हैं, इसलिए उन्हें ओबीसी की याद आने लगी है। शिवराज के इस ओबीसी महाकुंभ की जगह सागर रखी गई है जहां के सांसद लक्ष्मी नारायण यादव खुद ओबीसी हैं, और भोपाल से लेकर दिल्ली तक ओबीसी के हितों के लिए मुखर भी रहते आए हैं

दरअसल, ओबीसी महाकुंभ सांसद लक्ष्मी नारायण यादव की ही पहल और सुझाव पर हो रहा है और इसे सफल बनाने की जिम्मेदारी भी उन्होंने अपने ऊपर ली है। इनके साथ ही दमोह सांसद प्रह्लाद पटेल और सतना सांसद गणेश सिंह को भी ओबीसी महाकुंभ के जरिए महत्व दिया जाएगा क्योंकि इन दोनों का भी लोधी और कुर्मी जाति के लोगों के बीच अच्छा प्रभाव है।यह ओबीसी महाकुंभ सागर जिले में बम्हौरा में हो रहा है। सागर भाजपा के नेता सुधीर यादव समेत कई ओबीसी नेता इसके इंतजाम में लगे हैं। ओबीसी समुदाय के अंदर भी इस ओबीसी महाकुंभ को लेकर काफी उत्सुकता है और लोग जानना चाहते हैं कि शिवराज आखिर ओबीसी समुदाय के बारे में क्या सोच रखते हैं, और क्या उसके लिए करने जा रहे हैं।इतना तो तय है कि मुख्यमंत्री शिवराज और सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ओबीसी समुदाय के लिए कई घोषणाएं करने वाले हैं। इसके अलावा, मध्यप्रदेश में भाजपा को एक बड़े ओबीसी नेता की भी जरूरत है और माना जा रहा है कि इस महाकुंभ के जरिए सांसद लक्ष्मी नारायण यादव के कद को बढ़ाया जाएगा।बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, दमोह, दतिया, सागर समेत भिंड, ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद और महाकौशल में भी ओबीसी खासकर यादवों की बड़ी आबादी है। कांटे की टक्कर में इस वर्ग की अहम भूमिका होना तय है।कांग्रेस भी ओबीसी आबादी को अपनी ओर खींचने में लगी है, लेकिन अरुण यादव को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने के बाद ओबीसी में नाराजगी है, और इसी का फायदा उठाकर भाजपा अब सांसद लक्ष्मी नारायण यादव को आगे करके लेना चाहती है।