राजस्थान के बजट में किस सेक्टर को क्या मिला

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जयपुर. बजट में सबसे ज्यादा फोकस इन्फ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन और हैल्थ पर रहा। इन्हीं तीनों को सबसे ज्यादा पैसा मिला। भले ही इंडस्ट्री के लिए बजट 21 फीसदी घटा दिया हो, लेकिन प्रक्रियाओं को आसान बनाया गया। निवेश के लिए राह तैयार की गई। इस बार के बजट का आकार भी पिछली बार की तुलना में करीब 11 हजार करोड़ रुपए ज्यादा हैं। हालांकि, सरकार पिछला बजट भी अभी तक पूरा खर्च नहीं कर पाई। पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खर्च नहीं हो पाई।
शिक्षा- 8912 करोड़ रु. दिए पिछली बार दिए थे 7946 करोड़ यानी 966 करोड़ ज्यादा। +12%
मॉनिटरिंग के लिए जिला स्कूल बोर्ड बनेंगे
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद। जिला स्कूल बोर्ड में अभिभावक, शिक्षक, सिविल सोसायटी, जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन का प्रतिनिधित्व होगा।
>657 ग्राम पंचायतों में स्कूल 12वीं तक क्रमोन्नत होंगे। 134 मॉडल स्कूलों के लिए 438.56 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट।
>37 शारदे छात्रावासों के लिए 48.45 लाख रुपए का प्रावधान। स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में उसी पंचायत समिति की बालिकाओं को ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम से जोड़ा जाएगा।
>झुंझुनूं में सैनिक स्कूल के लिए निशुल्क जमीन। 200 नए स्कूलों में वोकेशनल कोर्स प्रारंभ होगा।
>स्कूटी योजना का दायरा बढ़ाया गया है। सरकारी स्कूल की 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई पूरी करने वाली और 12वीं में 75% अंक प्राप्त कर कॉलेज में प्रवेश लेने वाली हर जिले की प्रथम 50 छात्राओं को स्कूटी।
>उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार व जेंडर गेप की समस्या के समाधान के लिए स्टेट हायर एजुकेशन डवलपमेंट प्लान तैयार किया जाएगा।
>विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में विद्यार्थियों द्वारा किए जाने वाले अनुसंधान में मदद के लिए साइंस एंड ह्यूमैनिटीज रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी।
>आहोर (जालौर) व डेगाना (नागौर) में नए राजकीय महाविद्यालय खोले जाएंगे।
चिकित्सा- 6063 करोड़ रु. दिए पिछली बार दिए थे 5577 करोड़ रु. यानी 486 करोड़ रु. ज्यादा। +9%
दस जिलों में खुलेंगे मदर्स मिल्क बैंक
राजस्थान में डायल एन एंबुलेंस सेवा शुरू होगी। इसमें 104, 108 एंबुलेंस तथा बेस एंबुलेंस को 104 मेडिकल एडवायजरी सेवा के साथ मर्ज होगी।
>नवजात शिशुओं को दूध के लिए दस जिला अस्पतालों पर मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना पर दस करोड़।
>सात नई ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट खोलने के लिए 9 करोड़ 10 लाख रुपए। 400 अन्य प्रसूती केन्द्रों की स्थपना।
>ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाली एडोल्सेंट बालिकाओं की शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य को देखते हुए हैल्थ एंड हाइजीन के लिए विशेष योजना।
>जोधपुर के आयुर्वेद विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज में बीएएमएस की सीटों की संख्या 60 से 100 करना
>ग्रामीण क्षेत्र में रन ए पीएचसी योजना लागू की जाएगी। जिसके तहत सरकार एक मुश्त राशि उपलब्ध कराएगी। निजी सहभागिता के आधार पर विकसित होगी सुविधा।
>जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर एवं कोटा मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के लिए मास्टर प्लान बनेगा।
>एसएमएस अस्पताल में सेन्टर ऑफ ऑर्गन ट्रांसप्लांट बनेगा। एसएमएस को छोड़कर अन्य कॉलेजों में मल्टी डिस्कीपलीनरी रिसर्च लैब की स्थापना।
बिजली- 16665 करोड़ दिए पिछली बार दिए थे 13707 करोड़ यानी 2958 करोड़ ज्यादा। +21%
एलईडी लाइटों पर सरकार देगी सब्सिडी
>गांव और ढाणियों में 5.40 लाख घरों में विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे। एलईडी प्रोत्साहन के लिए ईएससीओ मॉडल योजना। बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट बिल लाने की घोषणा भी की गई है। इसके अलावा किसानों को बिजली में सब्सिडी के लिए 6815 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
असर : बजट में राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट बिल लाने की घोषणा हुई है। इसके जरिए सरकार बिजली कंपनियों के घाटे को कम कर प्रदेश पर कर्ज के भार को कम कर सकती है।
सड़क- 5778 करोड़ दिए पिछली बार दिए थे 5760 करोड़ यानी 18 करोड़ ज्यादा। +0.3%
20 माह में पूरी होगी रिंग रोड परियोजना
>जयपुर की रिंग रोड परियोजना को 20 महीनों में पूरा किया जाना है जिसके लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
>सार्वजनिक निजी भागीदारी से सड़कों के निर्माण के लिए 933 करोड़ दिए गए हैं। गांवों में सड़कों के विकास के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 960 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
असर : इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट सरकार का फोकस एरिया है। बजट में गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई है। इससे ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा।