पोंगेझरा के प्राचिन शिव मंदिर के शौचालय को वन्यजीव विभागने गिराया

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गोंदिया,19 दिसंबरःःगोरेगांव तहसील के नागझिरा अभयारण्य में स्थित पोंगेझरा के प्राचिन शिव मंदिर परिसर में भक्तों के लिए बनाए गए स्वच्छता गृह को नागझिरा वन्यजीव विभाग के अधिकारियों ने गिराकर आस्था के साथ खिलवाड़ करने का मामला १९ दिसंबर को सामने आते ही श्रद्धालूओं में आक्रोष निर्माण हो गया है। एक ओर शासन स्वच्छ भारत अभियान पर अरबों रूपए खर्च कर रहा है तो दुसरी ओर स्वच्छता के लिए बनाए गए स्वच्छता गृह को ही विभाग के अधिकारी तोडऩे का कार्य कर रहे है।
गौरतलब है कि गोरेगांव तहसील से २० किलोमीटर दुरी पर नागझिरा अभयारण्य क्षेत्र में पोंगेझरा (बोडुंदा) प्राचिन शिव मंदिर है। १९०८ के अंग्रेजी शासन काल के गैजेट में भंडारा-गोंदिया में सिर्फ ३ ही तिर्थस्थलों का उल्लेख किया गया है। जिसमें पोंगेझरा, प्रतापगढ़ व गायमुख का समावेश है। १९८९ में बोडुंदा के जमींदार देवाजी के नाम से यह जगह थी। उसके बाद १९९० में यह जगह सरकार के रिकार्ड में जमा हुई। पश्चात यहीं जगह १९९९ में वनविभाग के पास गई। उसके बाद भी २०१३ में यहीं जगह वन्यजीव विभाग को सौंप दी गई है। लेकिन यह जगह विवादित होने से इस स्थान पर स्थित वस्तुओं की तोडफ़ोड़ करना कानून का उल्लंघन है। प्रतिवर्ष पोंगेझरा में यात्रा का आयोजन किया जाता है। जिसमें महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा अन्य राज्यों के श्रद्धालू पहुंचते है। उनकी सुविधाओं के लिए ट्रस्ट ने स्वच्छता का गृह का निर्माण किया है, किंतु इस स्वच्छता गृह को नागझिरा वन्यजीव विभाग के एसीएफ श्रीकांत पोवार तथा उनके कर्मियों ने १८ दिसंबर की शाम के दौरान तोडफ़ोड़ कर गिरा दी है। घटना की जानकारी मिलते ही श्रद्धालूओं में वन्यजीव विभाग के खिलाफ आक्रोष निर्माण हो गया है।

तानाशाही नहीं चलेगी
आस्था के साथ खिलवाड करने की तानाशाही नहीं चलेगी। प्राचिन शिव मंदिर का स्वच्छतागृह तोड़कर आस्था के साथ खिलवाड करने का कार्य एसीएफ श्रीकांत पवार ने किया है। इसके पूर्व भी उन्होंने शिवरात्रि के पर्व पर लगने वाले मेले को भी प्रतिबंध लगाने का भरपुर प्रयास किया है। इस संदर्भ की जानकारी गोरेगांव पुलिस विभाग को दे दी गई है।
– सुरेंद्र बिसेन, सदस्य शिव व मारूती मंदिर ट्रस्ट पोंगेझरा