**जन जागरूकता कार्यक्रम:साइबर अपराध के बारे में बताया गया
गोंदिया – साइबर अपराध के खिलाफ श्रीमती वर्षाताई पटेल इनके द्वारा संस्थापित संस्कृति महिला मंडल गोंदिया, सायबर क्राईम पोलिस विभाग कि और से सायबर क्राईम जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन एन.एम.डी महाविद्यालय के आँडिटोरीयम में मंगलवार १५ एप्रिल को किया गया. इसमें संस्कृति महिला मंडल के महिला तथा शहर के विभिन्न क्षेत्र के नागरिक,एन.एम.डी महाविद्यालय,डि.बि.सायन्स महाविद्यालय के प्राध्यापक वर्ग तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंयसेवक ने हिस्सा लिया था। मुख्य रूप से उपस्थित कार्यक्रम में आयोजक तथा गोंदिया शिक्षण संस्था के अध्यक्षा श्रीमती वर्षाताई पटेल, सचिव- राजेंद्रजी जैन, ओमप्रकाश गेडाम (API), संजय मारवाडे (सायबर सेक्यूरेटि सेल) उपस्थित थे।
प्रास्ताविक भाषण में राजेंद्रजी जैन इन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन का महत्व बतलाकर आयोजक इनका आभार माना। कार्यक्रम के अध्यक्ष वर्षाताई पटेल इन्होंने बढ़तीं सायबर क्राईम पर चिंता जताई और कहा कि नागरिक इन्होंने आँनलाईन द्वारा खरेदी करतें वक्त सजग रहना जरुरी है। जानकारी कट और पेस्ट करना भी क्राईम होता है। इसलिए छात्रों सावधान रहना तथा जनता ने डर और लालच दुर रहना चाहिए। मार्गदर्शक ओमप्रकाश गेडाम ने साइबर ठगी से बचने के टिप्स बताये और कई अनुभव शेयर किये. उपस्थित श्रोताओं द्वारा साइबर अपराध को लेकर पूछे गये सवालों का जवाब भी दिया. गेडामजी ने कहा कि आज साइबर अपराध के कई मामले थाना तक पहुंच रहे हैं. साइबर अपराध करने वाले लोग पढ़े-लिखे होते हैं और तकनीक की जानकारी रखते हैं. आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर पूरी नजर के साथ-साथ जानकारी रखते हैं. इसलिए सोशल मीडिया में आप निजी बातों को कभी शेयर ना करें. अगर कोई ऐप लालच दे तो उसका उपयोग न करें, ना ही उसे टच करें. सतर्क व सचेत रहेंगे, तभी बच पायेंगे. इन दिनों विभिन्न सम्मान योजना के नाम पर भी साइबर ठगी की जा रही है. साइबर अपराधी पुलिस अधिकारी बन कर भी डरा कर ठगी करते हैं. इस समय संजय मारवाडे ने कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग करके जो क्राइम होता है, वह साइबर क्राइम होता है. आपके साथ अगर साइबर ठगी का प्रयास होता है तो घबराये नहीं और उसके झांसे में आने से बचे. पुलिस को सूचना दें. पढ़े-लिखे लोग भी साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं. अभी डिजिटल अरेस्टिंग के काफी मामले सुनने में आ रहे हैं. इसमें अपराधी आपके डाटा का एनालिसिस कर जानकारी लेते हैं. इसके बाद फर्जी पुलिस अफसर बन कर फोन करके डराते-धमकाते हैं और किसी मामले में बचाने के नाम पर रुपये की ठगी करते हैं. एटीएम मशीन में चिप लगा कर भी लोगों से धोखाधड़ी हो रही है. सतर्कता और जागरूकता से ही से बचा जा सकता है. इस दौरान डेबिट/क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन धोखाधड़ी, यूपीआई फ्रार्ड, कस्टमर केयर फ्राड, फेक ऐकाउट, टावर लगाने के नाम से फ्राड, केबीसी फ्राड, सोशल नेटवर्किंग साईट, ओएएक्स एक्ट फ्राड, लॉटरी लगने के नाम से धोखाधड़ी नौकरी के नाम से फ्रॉड आदि से बचने की जानकारी उपस्थित श्रोताओं को दि।