पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों को कवियों ने अर्पित की श्रद्धांजलि

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साहित्य मंडल की मासिक कवि गोष्ठी में उगला रोष
गोंदिया : हाल ही में कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए देश के निर्दोष व्यक्तियों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित कर भिन्न भाषी साहित्य मंडल गोंदिया ने आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान की कड़े शब्दों में निंदा की। देश में इस घटना को राजनैतिक तूल न देते हुए आतंकवाद का खात्मा करने एवं नागरिकों से सतर्कता बरतने का अनुरोध किया।
भिन्न भाषी साहित्य मंडल की विगत वर्षों से सतत् चली आ रही गतिविधियों में मासिक कवि गोष्ठी के अंतर्गत अप्रैल माह की कवि गोष्ठी रविवार, २७ अप्रैल रविवार को संध्या ५ बजे से ओबीसी रेलवे कर्मचारी असोसिएशन कार्यालय, रेलवे दवाखाना के समीप, रेलवे स्टेशन मार्ग में आयोजित की गई। इसी अवसर पर दो मिनट का मौन रख उपस्थित कवियों एवंम रसिकों ने शहीदों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीदों एवं घायलों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। अध्यक्षता वरिष्ठ सलाहकार पं. बजरंगलालजी शर्मा ने की। बतौर प्रमुख अतिथि वरिष्ठ कवि श्री प्रकाश मिश्रा, विशेष अतिथि कवि समीक्षक श्री युवराज गंगाराम, मंच संचालक कविवर श्री रमेश शर्मा एवं कार्यक्रम के प्रभारी संयोजक वरिष्ठ कवि श्री चिरंजीव बिसेन मंचासीन थे। अतिथियों ने मां सरस्वती के तैलचित्र का विधिवत् पूजन किया। अतिथि स्वागत विजय मेश्राम, रूपचंद जुम्हारे , छगन पंचे, संजय बिसेन, चिरंजीव बिसेन ने किया। सुमधुर गीतकार वरिष्ठ कवि एवं संस्था के संयोजक श्री शशि तिवारी ने जहाँ आरंभिक कार्यवाही का संचालन किया वहीं सरस्वती वंदना कर गोष्ठी का आगाज किया। कवि गोष्ठी में सर्वश्री विजय मेश्राम, संजय बिसेन, रूपचंद जुम्हारे, के. डी. अरोरा, पंकज अग्रवाल, चंद्रप्रकाश बनकर, मनोज बोरकर मुसव्विर, सुरेश बंजारा, छगन पंचे छगन, निखिलेशसिंह यादव, टेकचंद फेंडारकर, चिरंजीव बिसेन, युवराज गंगाराम, प्रकाश मिश्रा, शशि तिवारी एवंम रमेश शर्मा ने अपने काव्यपाठ में समसामयिक संदर्भों के साथ गीत, ग़ज़ल, हास्य व्यंग्य, ओज आदि सुनाकर गोष्ठी को यादगार बनाया। इस प्रसंग पर तिजोरी माइन्स में गत २६ अप्रैल को साहित्य संगम संस्था द्वारा आयोजित अ. भा. कवि सम्मेलन में गोंदिया के प्रसिद्ध कवि निखिलेशसिंह यादव को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. राधाकिशन चौकसे स्मृति साहित्य सारथी सम्मान प्रदान किये जाने पर उनका पुष्पगुच्छ से अभिनंदन एवं कवि मनोज बोरकर मुसव्विर के सुपुत्र चंचल के हाल ही में सम्पन्न विवाह प्रसंग पर उन्हें संस्था की ओर से पुष्पगुच्छ भेंट कर बधाई दी गई।

त्रिवेणी संगम का विमोचन….
इस अवसर पर नगर के जाने पहचाने कवि श्री चिरंजीव बिसेन सीपी के त्रिवेणी संगम नामक पवार, हिन्दी एवं मराठी भाषी कविता संग्रह का विमोचन भी अतिथियों के हाथों किया गया।

विशेष अतिथि युवराज गंगाराम ने कहा कि कविता लेखन के साथ कवियों को अपनी लेखनी को प्रबल बनाने अध्ययन भी बहुत जरूरी है तब ही रचा गया साहित्य प्रभाव छोड़ पाता है। अध्यक्षीय संबोधन में पं. बजरंगलाल शर्मा ने कहा कि संस्था की गतिविधियों को बिना किसी अनुदान के सतत जारी रखना गर्व की बात है जिसके लिए संयोजक एव सहयोगी धन्यवाद के पात्र हैं। सचिव मनोज एल जोशी ने ग्रीष्म की तपन के बावजूद भी कवियों एवं रसिकों की गोष्ठी में उपस्थिति को साहित्य मंडल की उपलब्धि बतलाते हुए सभी का हृदय से आभार माना। गोष्ठी की सफलता में रमेश शर्मा के कुशल संचालन व कविताओं पर टिप्पणी का विशेष योगदान रहा