नागूपर,दि.०१ः बुध्दिष्ठ इंटरनॅशनल नेटवर्क के तहत महाबोधी महाविहार मुक्ति आंदोलन के तहत तथा प्रियदर्शी धम्मराजा सम्राट अशोक जयंती के अवसर पर ६ अप्रेल को नागपूर के इंदोरा मैदान मे विशाल जनसभा का आयोजन किया गया है. इस जनसभा का उद्घाटन पद्मश्री लक्ष्मण माने (पुर्व विधान परिषद सदस्य, म.रा. तथा जेष्ठ साहित्यीक, (उपराकार) दलपत सिंह (क्षत्रिय चिंतन एवं इतिहासकार, राजस्थान), डॉ. राज शेखावत (राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय करणी सेना, नई दिल्ली) इनके प्रमुख उपस्थिती मे होगा.मार्गदर्शक करके रविंद्र बिदावत (राष्ट्रीय अध्यक्ष, मूलनिवासी क्षत्रिय महासंघ, नई दिल्ली),अमित नरवाडे (अंतरर्राष्ट्रीय सह को-ऑर्डिनेटर, नई दिल्ली),भदंत सोमानंद (राष्ट्रीय प्रभारी, बीन भिक्खु संघ, नई दिल्ली),आलोक कुमार मौर्या (प्रदेशाध्यक्ष, सोसायटी ऑफ धम्मा, बोधगया),पी. के. मेश्राम (सीईसी सदस्य, बामसेफ, नई दिल्ली),भदंत सारीपुत्त (प्रभारी, बीन भिक्खु संघ, छत्तीसगड-मध्य प्रदेश),भिक्षुणी प्रवज्या (प्रभारी, बीन भिक्खुनी संघ, मध्य प्रदेश),भिक्षुणी खमानीया (प्रभारी, बीन भिक्खु संघ, छत्तीसगड), भिक्षुणी चंद्रशीला (नागपूर),भदंत नागवंश (नागपूर), भदंत प्रियदर्शी (पुणे),भदंत कुशल धम्मो (नागपूर),भदंत महेन्द्ररत्न (नागपूर),निरज सिंह चौहान (प्रदेश संयोजक, क्षत्रिय मूलनिवासी महासंघ, महाराष्ट्र),प्रो. दयानंद गोगले (राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रोटान, नई दिल्ली),संदीप मानकर (राष्ट्रीय प्रभारी, बीन, नई दिल्ली),प्रो.बी.एस. हस्ते (राष्ट्रीय सह प्रभारी, बीन, नई दिल्ली),भदंत आनंद (पटना, बिहार),भदंत ज्ञानबोधी महाथेरो (नागपूर),डॉ. वासुदेवराव बारसागडे (धम्म प्रचारक) विशेष उपस्थिती रहनेवाली है. इस विशाल जनसभा मे 1947 को तथाकथित आजादी के बाद ब्राह्मणों का भारत पर नियंत्रण हुआ और उसके बाद बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 (BTMC Act) बनाकर ब्राह्मणों का महाबोधी महाविहार पर कब्जा करवाया, नागवंशी मूलनिवासी बहुजन समाज का राष्ट्रव्यापी संगठन निर्माण किये बगैर महापुरुषो की विरासत को बधाना संभव नहीं,इस्लाम से बुद्ध धम्म को कोई खतरा नहीं है, लेकिन ब्राह्मणों से है,ब्राह्मण बुद्ध धम्म का सबसे ताकतवार विरोधी है आदी मुद्दोपर महाबोधी महाविहार मुक्ति आंदोलन के तहत तथा प्रियदर्शी धम्मराजा सम्राट अशोक जयंती के अवसर पर बुद्धिस्ट इंटरनॅशनल नेटवर्क द्वारा आयोजित विशाल जनसभा को सफल बनाने हेतु मूलनिवासी बहुजन समाज के बुद्धिजीवी वर्ग, छात्र, महिलाएँ एवं उपासक उपासिका तथा समविचारी संस्था, संगठनाओको उपस्थित रहने का आवाहन किया गया है.