नई दिल्ली. राजपथ पर रिपब्लिक डे परेड में चीफ गेस्ट अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने भारत ने अपनी ताकत दिखाई। राजपथ पर देश की सैन्य क्षमता, विभिन्न क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों, आधुनिक रक्षा उपकरणों, अपनी विविध सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं के अलावा सरकार की आत्मनिर्भरता तथा स्वदेशीकरण को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। सबसे पहले सेना के भीष्म टैंक को प्रदर्शित किया गया।
इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण देश में ही विकसित सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की आकाश मिसाइल और हथियारों का पता लगाने वाले रडार दोनों का एक साथ प्रदर्शन किया जाएगा। इन्हें डीआरडीओ ने विकसित किया है। हाल ही में प्राप्त लंबी दूरी तक समुद्री निगरानी करने वाले और पनडुब्बी रोधी विमान पी-8आई और काफी दूरी तक मार करने वाली उन्नत लड़ाकू विमान मिग-29के को पहली बार देखा जा सकेगा। इस वर्ष की परेड में पहली बार तीनों सैन्य बलों थलसेना, नौसेना और वायुसेना की महिला दलों के मार्चिंग दस्ते को शामिल किया जाएगा।
दिखेगी सैन्य क्षमता…
भारतीय सेना की लेजर निर्देशित मिसाइल क्षमता टी-90 “भीष्म” टैंक, सैन्य वाहन बीएमपी द्वितीय (सरत) के अलावा ट्राउल युक्त टी-72 को भी मैकेनाइज्ड कॉलम्स में प्रदर्शित किया जाएगा। इसे पिनाका मल्टीपल बैरल लांचर सिस्टम के बाद प्रदर्शित किया जाएगा। इसके बाद मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर ब्रह्मोस मिसाइल, त्रि-आयामी सामरिक नियंत्रण रडार, गतिशील संचार उपग्रह और आसानी से तैनात करने योग्य सैटेलाइट टर्मिनल (आरएडीएसएटी) को प्रदर्शित किया जाएगा। राजपथ पर भारतीय वायु सेना की झांकी ‘1965 के युद्ध के 50 साल’ की थीम पर आधारित है। 1965 की लड़ाई में अपने कौशल दिखाने वाले भारतीय वायु सेना के कैनबरा बमवर्षक एमआई-4 हेलिकॉप्टर और हवाई परिवहन विमान का प्रदर्शन किया जाएगा। उभरते राष्ट्र के समुद्रों की सुरक्षा को सुनिश्चत करने जैसे विषय को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना अपनी झांकी में समुद्री युद्ध के सभी चार आयामों में से कुछ को प्रदर्शित करेगी। स्वदेश निर्मित विध्वंसक आईएनएस कोलकाता, उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर ‘ध्रुव’ के साथ ब्रह्मोस मिसाइल लांच करने के मॉडल को प्रदर्शित कर नौसेना आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी। दूसरी झांकी में ‘भारतीय नौ सेना और नारी शक्ति’ का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें वे चार महिला अधिकारी शामिल होंगी जिन्होंने भारतीय नौसेना के पोत महादेई में गोवा से लेकर ब्राजील के रियो-डी-जेनेरियो तक समुद्र की विषमताओं का बहादुरी से सामना करते हुए समुद्री यात्रा में हिस्सा लिया था।
इस साल संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा गणतंत्रण दिवस परेड के मुख्य अतिथि हैं। दिल्ली क्षेत्र के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रतो मित्रा को परेड की कमान संभालेंगे। दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ, मेजर जनरल अभय कृष्ण परेड के सेकेंड-इन-कमांड होंगे।
परम वीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर और मानद कैप्टन बाना सिंह (सेवानिवृत्त), सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स और नायब / सूबेदार संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल साइरस पिथावाल्ला, बीजीएस (टीआरजी), मुख्यालय दक्षिणी कमान, लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त), पूर्व मानद नायब सूबेदार छेरिंग मुटुप (सेवानिवृत्त), हुकुम सिंह और गोविन्द सिंह दोनों मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले हैं और मध्य प्रदेश के ही गुना जिले के भूरे लाल जीप पर सवार होकर परेड के उप कमांडर के पीछे चलेंगे।
सेना के मार्चिंग दस्तों में 61वें घुड़सवार फौज़ की टुकड़ी, सभी महिला अधिकारियों के दल का नेतृत्व कर रहीं कप्तान दिव्या ए, ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स, ग्रेनेडियर्स, जाट रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, कुमाऊं रेजीमेंट, जम्मू-कश्मीर राइफल्स, 14 गोरखा प्रशिक्षण केन्द्र और प्रादेशिक सेना (पंजाब) शामिल होंगे।